शिमला — आरटीई के तहत प्रदेश की मैदानी इलाकों में प्रत्येक तीन किलीमीटर के दायरे में प्राइमरी स्कूल और पांच किलोमीटर के दायरे में अपर प्राइमरी स्कूल खुलेंगे। इसी प्रकार पहाड़ी क्षेत्रों में प्रत्येक डेढ़ किलोमीटर में प्राइमरी तथा तीन किलोमीटर के दायरे में अपर प्राइमरी स्कूल होंेगे। राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को प्रदेश भर में ऐसे जगहों के सर्वे करने के निर्देश दिए हैं, जहां सरकारी स्कूलों की कमी खल रही हो। सर्वेक्षण के दौरान शिक्षा विभाग यह सुनिश्चित बना रहा है कि कहां-कहां स्कूलों की अधिक जरूरत है। सर्वेक्षण मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। जिला शिक्षा उप-निदेशक यह सुनिश्चित करेंगे कि कहां प्राइमरी स्कूल खोला जाना चाहिए और कहां मिडल स्कूल। इसी प्रकार जिला शिक्षा उपनिदेशकों की रिपोर्ट के आधार पर ही प्राइमरी स्कूल को मिडल स्कूल का दर्जा दिया जाएगा। आरटीई अधिनियम ने प्रत्येक बच्चे को प्रारंभिक शिक्षा घर-द्वार के समीप देने का अधिकार दिया है। शिक्षा मंत्री आईडी धीमान के मुताबिक प्रदेश में आरटीई के सभी प्रावधानों को सरकार सख्ती से लागू कर रही है। राज्य शिक्षा विभाग यदि नए स्कूलों को खोलने का प्रस्ताव सरकार को भेजता है तो राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर नए स्कूल खोलेगी।source:divya himachal
हर तीन किमी पर होगी एक पाठशाला
Posted by :naresh
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सोमवार, जनवरी 16, 2012
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