जुलाई माह से प्रदेश के सभी शैक्षणिक केंद्रों में स्कॉलरशिप ऑनलाइन ही मिलेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटियों और अन्य शैक्षणिक केंद्रों को इस बाबत आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी)योजना आरंभ करने के लिए ई-पास (इलेक्ट्रानिक पेमेंट एंड एप्लीकेशन सिस्टम ऑफ स्कॉलरशिप) सॉफ्टवेयर को आरंभ करने का निर्णय लिया है। हालांकि इस सॉफ्टवेयर पर काम गत वित्तीय वर्ष में आरंभ हो गया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने अब जुलाई-2013 तक इसे पूर्ण रूप से चालू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। यही नहीं, इस वर्ष सभी स्कॉलरशिप के लिए आधार कार्ड भी अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले आधार कार्ड केवल चार स्कॉलरशिप योजनाओं के लिए ही इस्तेमाल होता था। इस सॉफ्टवेयर के तहत कार्य करने के लिए सभी स्कूलों और कालेज प्रमुखों को अपने अधीन एक स्कॉलरशिप इंचार्ज तैनात करना होगा, जिसको कप्प्यूटर और इंटरनेट का ज्ञान हो तथा यह नियुक्ति स्कूल के अध्यापकों या प्रवक्ताओं में से ही किसी एक की होगी, जिसको बाकायदा मास्टर ट्रेनर द्वारा इस कार्य के लिए ट्रेंड किया जाएगा। अगर किसी विद्यार्थी को राशि नहीं मिलती है तो इससे संबंधित प्रमाणपत्र बैंक और विभाग में देना होगा। यही नहीं, स्कॉलरशिप मिलने के बाद सभी लाभार्थियों की बैंक डिटेल भी कार्यालय में जमा करवानी होगी, लेकिन अगर स्कूल प्रशासन या स्कॉलरशिप इंचार्ज बच्चों के आवेदन समय पर नहीं भेज पाते हैं या कोई अन्य कमी रह जाती है तो इसके लिए वह दोषी होंगे तथा स्कॉलरशिप की राशि उनकी सैलरी से काटी जाएगी। शिक्षा निदेशक दिनकर बुराथोकी ने बताया कि जुलाई-2013 तक ई-पास सॉफ्टवेयर को लांच करने की योजना है। सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस बाबत आदेश दे दिए गए हैं।
स्कॉलरशिप ऑनलाइन ही मिलेगी
Posted by :रौशन जसवाल विक्षिप्त
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शुक्रवार, मई 10, 2013
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जुलाई माह से प्रदेश के सभी शैक्षणिक केंद्रों में स्कॉलरशिप ऑनलाइन ही मिलेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी यूनिवर्सिटियों और अन्य शैक्षणिक केंद्रों को इस बाबत आदेश जारी कर दिए हैं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी)योजना आरंभ करने के लिए ई-पास (इलेक्ट्रानिक पेमेंट एंड एप्लीकेशन सिस्टम ऑफ स्कॉलरशिप) सॉफ्टवेयर को आरंभ करने का निर्णय लिया है। हालांकि इस सॉफ्टवेयर पर काम गत वित्तीय वर्ष में आरंभ हो गया था, लेकिन प्रदेश सरकार ने अब जुलाई-2013 तक इसे पूर्ण रूप से चालू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। यही नहीं, इस वर्ष सभी स्कॉलरशिप के लिए आधार कार्ड भी अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पहले आधार कार्ड केवल चार स्कॉलरशिप योजनाओं के लिए ही इस्तेमाल होता था। इस सॉफ्टवेयर के तहत कार्य करने के लिए सभी स्कूलों और कालेज प्रमुखों को अपने अधीन एक स्कॉलरशिप इंचार्ज तैनात करना होगा, जिसको कप्प्यूटर और इंटरनेट का ज्ञान हो तथा यह नियुक्ति स्कूल के अध्यापकों या प्रवक्ताओं में से ही किसी एक की होगी, जिसको बाकायदा मास्टर ट्रेनर द्वारा इस कार्य के लिए ट्रेंड किया जाएगा। अगर किसी विद्यार्थी को राशि नहीं मिलती है तो इससे संबंधित प्रमाणपत्र बैंक और विभाग में देना होगा। यही नहीं, स्कॉलरशिप मिलने के बाद सभी लाभार्थियों की बैंक डिटेल भी कार्यालय में जमा करवानी होगी, लेकिन अगर स्कूल प्रशासन या स्कॉलरशिप इंचार्ज बच्चों के आवेदन समय पर नहीं भेज पाते हैं या कोई अन्य कमी रह जाती है तो इसके लिए वह दोषी होंगे तथा स्कॉलरशिप की राशि उनकी सैलरी से काटी जाएगी। शिक्षा निदेशक दिनकर बुराथोकी ने बताया कि जुलाई-2013 तक ई-पास सॉफ्टवेयर को लांच करने की योजना है। सभी शैक्षणिक संस्थानों को इस बाबत आदेश दे दिए गए हैं।

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