प्रदेश में विद्यार्थियों को यंग साइंटिस्ट बनाने के मकसद से शुरू की गई ‘बच्चे साइंस पढ़ें स्कॉलरशिप स्कीम’ में बदलाव किया गया है। अब पात्र विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप के तहत मिलने वाली पांच हजार रुपए की राशि सीधे अकाउंट में जमा होगी। इससे पहले ड्राफ्ट के माध्यम से छात्रों को स्कॉलरशिप मिलती थी। निदेशालय ने सभी उपनिदेशकों को इस साल अप्रैल महीने में ही पात्रों का चयन कर रिपोर्ट जल्द प्रेषित करने के आदेश जारी किए हैं। इसकी पुष्टि प्रारंभिक शिक्षा विभाग चंबा के उपनिदेशक सुशील पुंडीर ने की है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में छात्रों को यंग साइंटिस्ट बनाने के लिए सरकार ने ‘बच्चे साइंस पढ़ें स्कॉलरशिप स्कीम’ शुरू कर रखी है, जिसके तहत हर साल पात्र विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है। हर स्कूल में छठी, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए एक ग्रुप और नौवीं व दसवीं कक्षाओं का एक ग्रुप बनाया गया है। स्कॉलरशिप के तहत प्रति छात्र पांच हजार रुपए की राशि दी जाती है। विडंबना यह रहती है कि पात्रों के चयन के लिए अगस्त माह से भी अवधि बढ़ जाती है, जिसके चलते समय पर पात्रों के नाम सूचीबद्ध न होने से शिक्षा विभाग को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। बेकार के झमेलों से निजात दिलाने के लिए सरकार ने ताजा स्थिति में प्रक्रिया को सरल बना दिया है। हालांकि पहले ड्राफ्ट के माध्यम से छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती थी, लेकिन नई प्रक्रिया में अब पात्र बच्चों को स्कॉलरशिप सीधे अकाउंट में जमा करवा दी जाएगी। यही नहीं, अप्रैल महीने में ही पात्रों का चयन होगा और समय पर स्कॉलरशिप पात्रों के अकाउंट में जमा हो जाएगी। बहरहाल, सरल प्रक्रिया के बाद अब निदेशालय के आदेशानुसार सभी उपनिदेशकों ने स्कूलों के मुखियाओं को जल्द से जल्द पात्र छात्रों के नाम की सूची प्रेषित करने के लिए निर्देशित किया है। अप्रैल माह में ही सूची निदेशालय भेज दी जाएगी। उधर, इस बारे में प्रारंभिक शिक्षा विभाग चंबा के उपनिदेशक सुशील पुंडीर ने बताया कि ‘बच्चे साइंस पढ़ें’ स्कॉलरशिप के तहत चंबा जिला को 42.25 लाख रुपए का बजट मिला है। उन्होंने बताया कि स्कॉलरशिप के लिए चयनित बच्चों को पांच हजार रुपए की छात्रवृत्ति प्रति छात्र प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि पात्रों की सूची मिलते ही इसकी रिपोर्ट निदेशालय भेजी दी जाएगी।
सीधा खाते में जाएगा वजीफे का पैसा
Posted by :naresh
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शुक्रवार, फ़रवरी 24, 2012
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