जनवरी में छुट्टियों के खिलाफ शिक्षक
Posted by :naresh
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शुक्रवार, जनवरी 06, 2012
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प्रदेश सरकार के छुट्टियों के नए शेड्यूल का प्रदेश भर में जबरदस्त विरोध हो रहा है। मार्च में परीक्षाएं कराने के फैसले से हजारों छात्र-छात्राएं न तो इन दिनों पढ़ाई कर पा रहे हैं, न ही मौज-मस्ती कर पा रहे हैं। एक फरवरी को स्कूल खुलने के बाद विशेषकर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में छात्रों को कड़ाके की ठंड में पढ़ाई करनी पड़ेगी। छात्र व अभिभावकों के अलावा अब शिक्षक संघ भी इसके विरोध में उतर आए हैं। हिमाचल एलिमेंटरी शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार से पूर्व में छुट्टियों के शेड्यूल को बहाल करने की मांग की है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष घनश्याम शर्मा ने कहा कि नए शेड्यूल से छात्रों को पढ़ाई में दिक्कतंे पेश आ रही हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश वाले सभी स्कूलों में दिसंबर माह में परीक्षाएं करवाई जा सकती हैं। इससे प्रदेश भर में एक साथ शैक्षणिक सत्र शुरू करने की सरकार की सोच भी पूरी हो जाएंगी और छात्र पूर्व की तरह सर्दियों में मौज-मस्ती कर पाएंगे। उल्लेखनीय है कि सर्दियों में छात्र 52 दिन की छुट्टियों के दौरान मौज-मस्ती करते थे। शीतकलीन अवकाश वाले स्कूलों में पहलीं से 9वीं कक्षा तक के बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं दिसंबर माह में हो जाती थीं। इसी प्रकार ग्रीष्मकालीन अवकाश वाले स्कूलों में जून-जुलाई में परीक्षाएं होती थीं। राज्य सरकार ने ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन अवकाश वाले सभी स्कूलों में एक साथ सत्र शुरू करने के उद्देश्य से नया शेड्यूल लागू किया था। नए शेड्यूल के मुताबिक एक जनवरी से 31 जनवरी तक स्कूल बंद रहेंगे और एक फरवरी से सभी स्कूल खुल जाएंगे। शिमला, किन्नौर, लाहुल-स्पीति, कुल्लु व चंबा के कई भागों में फरवरी-मार्च माह तक बर्फबारी होती है। ऐसे में छात्रों को ठंड से दो-चार होना पड़ेगा। संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा एमएल आजाद ने बताया कि विभाग ने छुट्टियों का नया शेड्यूल शिक्षा जगत से जुड़े बुद्धिजीवियों से वार्तालाप के बाद तय किया है।
Sometimes people carry to such perfection the mask they have assumed that in due course they actually become the person they seem.
W. Somerset Maugham (1874-1965) |
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