शिक्षा बोर्ड को पूर्णतया कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा, ताकि स्कूलों और बच्चों को इसका लाभ मिलने पर कार्य करवाने के लिए जगह-जगह के चक्कर न काटने पड़ें। बिना विलंब के समय पर उनके कार्य बोर्ड करने में सक्षम और सुदृढ़ हो। यह बात हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के नवमनोनीत अध्यक्ष बलराम शर्मा ने नैहरनपुखर में पत्रकारों से बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि बोर्ड की कार्यप्रणाली को लेकर व्यापक प्रशासनिक सुधार किए जाएंगे, क्योंकि पूरे प्रदेश में आंतरिक कार्यप्रणाली को लेकर कई प्रश्न उठे थे, जिन पर पूर्ण रूप से अंकुश लग सके। उन्होंने कहा कि सिस्टम की कमियों को दूर करने के साथ-साथ लोगों व प्रदेश के स्कूलों से भी सुझाव मांगेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आठवीं व 11वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षाएं न होने के कारण बोर्ड का बोझ भी कम हुआ है। इसलिए शीघ्र बोर्ड पांचवीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप के लिए परीक्षाओं का आयोजन करेगा। इससे चुने गए छात्रों का मनोबल बढ़ेगा,बल्कि इसमें सफल होने के लिए प्रयास करेंगे। इससे शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता आएगी और वजीफा पाने वाले छात्र अच्छे भविष्य की तरफ अग्रसर होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष बनने से पूर्व वे कई विभागों में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सेवाएं दे चुके हैं और उसका लाभ उन्हें बोर्ड का कार्य करने में भरपूर समय मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य यही होगा कि प्रदेश के स्कूल पूरी तरह से नकल से मुक्त हों। उन्होंने कहा कि बच्चों का रुझान शिक्षा से न हटे, इसके लिए अकेला बोर्ड ही कुछ नहीं कर सकता और लोगों का पूर्ण विश्वास शिक्षा के प्रति बना रहे, उसमें शिक्षा के क्षेत्र में और सुधार लाने की आवश्यकता है।
शिक्षा बोर्ड होगा ऑनलाइन
Posted by :naresh
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सोमवार, दिसंबर 26, 2011
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